Thursday 15 November 2012



हर रोज़ आसमान से रात उतरती है और साथ लेकर आती है नीदं का प्यार ..

हर रात नीद की बांहों में सोती हूँ मैं , सपनों के सीने पर सर रखे ..ख्यालों की गर्म  चादर ओढ़े ... 

सपनों के सीने से आती धडकनों की आवाज़ मेरे दिल को ऊष्मा देती है ... मुझे जिलाए रखती है ..

हर रात  एक ही ख्वाब को अपनी बांहों में समेट  अपने सीने से लगा कर सोती हूँ .. रात भर में जी जाती हूँ जागती  ज़िन्दगी का एक भरा पूरा हिस्सा .

हर रात एक ही सपना मुझे बांहों  में लेता है और हर रात मैं  उसकी शक्ल बदलते देखती हूँ ...

हर रात वो ख्वाब मुझमे जिंदा होता है और हर सुबह मेरे साथ ही मर जाता है ..अगली रात तक के लिए ..

हर रात मेरी थकी, मुंदती पलकों  पर सोहणे  ख्वाब  तारी होते हैं , रात रौशन होती है ख्यालों की चमक से, होंठों की मुस्कराहट और दिल की ख़ुशी से  .. हर सुबह  सूरज आता है ....रात की रौशनी को अपनी परछाई से ढक  देने के लिए ..

हर रात ख्वाब जागते हैं, मैं सोती हूँ ... कि  कभी आँखें ना खुले सुबह की परछाई से .. कभी रात की रौशनी मद्धिम  ना पड़े .. 

रातें यूँही हमारी साँसों की गर्मी से जवान बनी रहे ... हमारे सपनों की चमक से उजली बनी रहे .. 

मैं यूँही नींदों की बांहों में सोती रहूँ ...   

8 comments:

Diwakar Narayan said...

Excellent Bhavana. Loved it too much. Cannot really say how much I liked it.

How can I subscribe to your post? I don't see any email subscription option.

Bhavana Lalwani said...

Thanks Divakar .. Thanks a lot. there is an option below the comment box "subscribe by mail" I think that can help.. let me know if you cnt see that. else you can follow my blog..

नीलिमा शर्मा Neelima Sharma said...

superb

RAJANIKANT MISHRA said...

aamen........ khwab zinda ho rah kar zindagi dete hain hame bhi...

Anonymous said...

nice one !!

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही खूबसूरत ख्याल


सादर

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

ऐसे अहसास मुझे भी होते हैं इसलिए इन्‍हें पढ़ कर कितना अच्‍छा लगा, कहना आसान नहीं है।

Bhavana Lalwani said...

dhanywaad itni purani post padhne ke liye aur comment karne ke liye. aur ye jaankar bahut achha lagaa ki aksar log ek jaisa sochte hain :) :)